वृक्ष लगा धरती को तपने से बचाओ बदले में फल फूल और ठंडक पाओ। वृक्ष लगा धरती को तपने से बचाओ बदले में फल फूल और ठंडक पाओ।
फिर बसन्त की आहट आई हर जगह फ्योंली मुस्काई फिर बसन्त की आहट आई हर जगह फ्योंली मुस्काई
प्रकृति और मनुष्य का साहचर्य प्रकृति और मनुष्य का साहचर्य
कोरोना महामारी को है हराना, तो अपनानी पड़ेगी ये तन्हाई। कोरोना महामारी को है हराना, तो अपनानी पड़ेगी ये तन्हाई।
बहुत हो चुकी छेड़खानी प्रकृति से कुछ तो खामियाजा चुकाना पड़ेगा, बहुत हो चुकी छेड़खानी प्रकृति से कुछ तो खामियाजा चुकाना पड़ेगा,
रिश्ते प्यार के रिश्ते प्यार के